वन्दे मातरम् वन्दे मातरम् वन्दे मातरम्
भारत वन्दे मातरम् जय भारत वन्दे मातरम्
रुक ना पाये तूफानो मे सबके आगे बढे कदम
जीवन पुष्प चढाने निकले माता के चरणोमे हम ॥धृ॥
मस्तक पर हिमराज विराजित उन्नत माथा माता का
चरण धो रहा विशाल सागर देश यही सुन्दरता का
हरियाली साडी पहने मा गीत तुम्हारे गाए हम ॥१॥
नदियन की पावन धारा है मंगल माला गंगा की
कमर बन्ध है विंध्याद्रि की सातपुरा की श्रेनी की
सह्याद्रि का वज्रहस्त है पौरुष को पहचाने हम ॥२॥
नही किसी के सामने हमने अपना शीश झुकाया है
जो हम से टकराने आया काल उसी का आया है
तेरा वैभव सदा रहे मा विजय ध्वजा फहराये हम ॥३॥
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