Life Style

हिंदू परम्पराओं से जुड़े वैज्ञानिक तर्क:

1-कान छिदवाने की परम्परा:

भारत में लगभग सभी धर्मों में कान छिदवाने की परम्परा है।
वैज्ञानिक तर्क- दर्शनशास्त्री मानते हैं कि इससे सोचने की शक्त‍ि बढ़ती है। जबकि डॉक्टरों का मानना है कि इससे बोली अच्छी होती है और कानों से होकर दिमाग तक जाने वाली नस का रक्त संचार नियंत्रित रहता है। Continue reading

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मधुमेह

मधु और मेह की संधि से मधुमेह शब्द बना है, जिसका भावार्थ है मधु के समान मूत्र विसर्जित होना। मूत्र में माधुर्य यानी शक्कर की मौजूदगी मधुमेह रोग का प्रमुख लक्षण है, किन्तु ऐसा हमेशा और हर एक अवस्था में नहीं होता। अत: ‘प्रायोमध्विवमेहति’ के अनुसार प्राय: मधु के अनुसार मूत्र होना शास्त्र में कहा गया है !!

आयुर्वेद ने मधुमेह की गणना ‘प्रमेह’ के अंतर्गत की है। ‘प्रमेह’ शब्द का अर्थ अधिक मात्रा में विकृत मूत्र होना है। यही रोग आगे चलकर, यदि आहार-विहार में उचित सुधारन किया जाए, तो उपेक्षा करने से धीरे-धीरे मधुमेह रोग में बदल जाते हैं !! Continue reading

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त्रिफला लेने के नियम

त्रिफला के सेवन से अपने शरीर का कायाकल्प कर जीवन भर स्वस्थ रहा जा सकता है।

आयुर्वेद की महान देन त्रिफला से हमारे देश का आम व्यक्ति परिचित है व सभी ने कभी न कभी कब्ज दूर करने के लिए इसका सेवन भी जरुर किया होगा।

पर बहुत कम लोग जानते है इस त्रिफला चूर्ण जिसे आयुर्वेद रसायन भी मानता है से अपने कमजोर शरीर का कायाकल्प किया जा सकता है।

बस जरुरत है तो इसके नियमित सेवन करने की। Continue reading

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मेथी दानों से भरपूर लाभ

➡ मेथीदाना उष्ण, वात व कफनाशक, पित्तवर्धक, पाचनशक्ति व बलवर्धक एवं ह्रदय के लिए हितकर है | यह पुष्टिकारक, शक्ति, स्फूर्तिदायक टॉनिक की तरह कार्य करता है | सुबह–शाम इसे पानी के साथ निगलने से पेट को निरोग बनाता है, कब्ज व गैस को दूर करता है | इसकी मूँग के साथ सब्जी बनाकर भी खा सकते हैं | यह मधुमेह के रोगियों के लिए खूब लाभदायी हैं | Continue reading

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स्वस्थ रहने के १५ नियम

१- खाना खाने के १.३० घंटे बाद पानी पीना है .

२- पानी घूँट घूँट करके पीना है जिससे अपनी मुँह की लार पानी के साथ मिलकर पेट में जा सके, पेट में acid बनता है और मुँह में छार, दोनो पेट में बराबर मिल जाए तो कोई रोग पास नहीं आएगा.

३- पानी कभी भी ठंडा (फ़्रीज़ का) नहीं पीना है। Continue reading

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